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पूर्वी मैदान क्षेत्र

·      यह मैदानी भाग अरावली पर्वतमाला के पूर्व में स्थित है| इस मैदान का उत्तरी पूर्वी भाग गंगा-यमुना के मैदानी भाग से मिला हुआ है। इसका ढाल पूर्व की ओर है| इसका क्षेत्रफल राज्य का लगभग 23.3% है।
·      क्षेत्र – जयपुर,भरतपुर,दौसा,सवाईमाधोपुर,धोलपुर,करोली,टोंक,अलवर व अजमेर के कुछ भाग तथा बांसवाडा के कुछ भाग
·      जनसंख्या – राज्य की लगभग 40% जनसंख्या यहाँ निवास करती है। जनसंख्या घनत्व सर्वाधिक।
·      वर्षा – 50 सेमी से 80 सेमी के मध्य।
·      जलवायु – आद्र जलवायु।
·      मिट्टी – जलोढ़ व दोमट मिट्टी। इसे तीन भागो में बांटा गया है –
- मध्य माहि बेसिन
- बनास बेसिन
- बाणगंगा-करौली का मैदान।
·      जनसंख्याकी द्रष्टि से राजस्थान के अधिकांश बड़े जिले इसी क्षत्रे में है।
·      यह राजस्थान का सबसे उपजाऊ भाग है।
·      छप्पन का मैदान – प्रतापगढ़ व बांसवाड़ा के मध्य का मैदान छप्पन का मैदान कहलाता है।
- बांसवाड़ा,डूंगरपुर व प्रतापगढ़ के बीच माहि बेसिन में 56 ग्राम समूहों (56 नदी- नालो का प्रवाह क्षेत्र) का क्षेत्र होने के कारण यह छप्पन का मैदान या ‘छप्पन बेसिन’ कहलाता है।
·      कांठल – माहि नदी के कांठे (किनारे) स्थित प्रतापगढ़ (चित्तोडगढ) का भू भाग कांठल कहलाता है।
·      मुकुंद्वाडा की पहाडियों, जिसका ढाल दक्षिण से उत्तर की ओर है (जिसके कारण चम्बल नदी दक्षिण से उत्तर की ओर बहती है) कोटा व झालरापाटन (झालावाड़) के बीच स्थित है।

·      डूंगरपुर व बांसवाड़ा जिलो की सीमा को माहि नदी प्रथक करती है।

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